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श्रमिक संगठन संयुक्त कोयला खदान मजदूर संघ एटक की अहम संगठनात्मक बैठक भटगांव श्रमिक कार्यालय में सम्पन्न हुईI

सूरजपुर/जरही/भटगांव:-श्रमिक संगठन संयुक्त कोयला खदान मजदूर संघ एटक की अहम संगठनात्मक बैठक भटगांव के न्यू माइनर्स कॉलोनी में स्थित श्रमिक कार्यालय में सम्पन्न हुई.भटगांव क्षेत्र द्वारा आयोजित की गई इस बैठक में मुख्य अतिथि थे जेबीसीसीआई मेंबर तथा एटक मध्य प्रदेश के अध्यक्ष कामरेड हरिद्वार सिंह वही कार्यक्रम की अध्यक्षता एसईसीएल एटक अध्यक्ष अजय विश्वकर्मा ने किया.उपस्थित श्रमिक संग़ठन के प्रतिनिधियों,कोयला कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुवे कामरेड हरिद्वार सिंह में कहा की 
हमारे बीएमएस नेता कोयला प्रभारी लक्ष्मण रेड्डी जमुना कोतमा आए थे तो उनसे एक पत्रकार के द्वारा 4 सवाल पूछा गया की आप लेबर बिल का विरोध करते हैं या समर्थन करते हैं तो लक्ष्मण रेड्डी द्वारा बोला गया कि लेबर बिल का 4 हिस्सा है 2 का हम समर्थन करते हैं बहुत अच्छा है. लेकिन दो कानून से हमारा सरकार से मतभेद है और हमारी अभी बातचीत चालू है.दूसरा सवाल था की बाकी लोग हड़ताल करते है तो आप लोग समर्थन करते है और कई कामों का विरोध नहीं करते हैं तो आप कहते है हम लोग मुद्दों के आधार पर विरोध करते हैं और समर्थन करते हैं और कहते है सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है. तीसरा सवाल था कि जब आप सरकार के करीब हैं और सरकार आपकी है तो मजदूरों का बेज बोर्ड जल्दी क्यों नहीं लागु हो रहा है कहने लगें की हमारी बात चल रही है मै आप सभी से कहना चाहता हूं कि एक मजदूर लीडर का यह जो बयान है कि सरकार के कामों का हम समर्थन करते हैं इससे छोटी कोई नहीं हो सकती और मैं आप लोगों से पूछना चाहता हूं कि कैसी सरकार है जो 5 साल से 12 साल के बच्चों का हाफ टिकट लगता था उसे खत्म कर दिया अब 1 साल के बच्चों को भी पूरा टिकट देना पड़ेगा.ट्रेड यूनियन बनाना बहुत ही कठिन हो गया. मालिक और मजदूर का जो रिलेशन था उसको समाप्त कर दिया गया. सामाजिक सुरक्षा को खत्म कर दिया गया. ट्रेड यूनियन बनाने के लिए 10 परसेंट मेंबर होना चाहिए ऐसा लेबर कानून बना दिया जिसका मालिक और प्रबंधन सर्टिफाई करेगा तभी रजिस्ट्रेशन होगा. आखिर एक मजदूर नेता के साइड से कौन सी ऐसी चीज है जिससे हम सरकार के समर्थन करें.इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट एक्ट 99, 84 में जो मालिक और मजदूर में जो झगड़ा होता था तो कैंसिलेशन में लेबर कमिशन जो बीच बचाव मैं जो रास्ता निकलता था.उस कॉज को ही खत्म कर दिया गया.एक नौजवान आईटीआई करने के बाद खदान में या फैक्ट्री में जाकर ट्रेनिंग करता है तो उसको नियमित नौकरी मिल जाते थे उस एक्ट को ही खत्म कर दिया गया.सरकार ने रेल को बेच दिया भेल को बेच दिया सेल को बेच दिया हद तो यह हो गई कि हाईवे एक्सप्रेस को भी बेच दिया हवाई जहाज भी बेच दिया हवाई अड्डा को बेच दिया. किसानों को देने के लिए ऋण नहीं है लेकिन मुकेश अंबानी को चौबीस हजार करोड का सरकार ने लोन माफ़ कर दिया. क्या इस काम का हम समर्थन करें. जितने भी लुटेरे हैं चाहे वह नीरव मोदी हो विजय माल्या हो यह सब पैसा लेकर के भाग गए.सरकार को उनकी चिंता नहीं है पर एक बहुत बड़ा डिफॉल्टर 42 सो करोड का घोटाला किया और पकड़ा गया है उसने स्टेटमेंट दिया है कि मैंने भारतीय जनता पार्टी को 29 करोड़ का चंदा दिया है. क्या बीएमएस के लोग ऐसे काम का समर्थन करते हैं कोयला खदान को खंड खंड में बांटने का प्रयास कर रही है सरकार क्या वो इस काम का समर्थन कर रहें है. रसोई गैस को बढ़ा दिया पेट्रोल डीजल की कीमत सबको बढ़ा दिया देश में महंगाई चरम पर पहुंच गई. दाल, चावल और आटा पर भी जीएसटी लगा दिया क्या हम इस काम का समर्थन करें. इसीलिए यह जो सरकार है यह जो जन विरोधी सरकार है किसान विरोधी सरकार मजदूर विरोधी सरकार है.हम कभी इसका समर्थन नहीं कर सकते है.इतना झूठ बोलने वाली जो सरकार जो दो करोड़ लोगों को रोजगार देने की बात कही है हर साल अब तक से तो 5 साल में तो 14 करोड़ लोगों का रोजगार हो जाता.100 दिन में महंगाई कम करने की घोषणा करने वाली सरकार लाखों करोड़ रुपए काला धन विदेशों से मंगा कर के और हर खाते में 15, 15 डालने की घोषणा करने वाली सरकार यह सब जगह तो लफाजी और झूठ से ज्यादा और कुछ भी नहीं है.केवल एक ही बात केवल हिंदू मुस्लिम हिंदू मुस्लिम हिंदू मस्लिम मुझे आप यह बताइए आज मेरी मीटिंग हुई मैं कह रहा था कि जरा कल्पना करो सोचो जरा सा आजादी के आंदोलन में वह अनपढ़ लोग थे नमक पर अंग्रेजों ने केवल 5प्रतिशत टैक्स लगाया कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत की जनता सड़कों पर आ गए इस फैसले के खिलाफ और उनको वापस लेना पड़ा.लेकिन अभी की ये पढ़े-लिखे जनता खामोश है. मैं तो इस देश के किसानों को सलाम करता हूं कि 9 महीने आंदोलन किया 790 किसानों ने बलिदान दिया शहादत दिया लेकिन भारत सरकार को घुटने टेकवा दिए और तीनों कालें कानून को वापस लेना पड़ा.मैं बीएमएस के लोगों से कहना चाहता हूं कि आप की जमीन बची हो तो लोगों के हित के बारे में सोचो, खदान के बारे में सोचो कोल,इंडिया को एक करने के बारे में सोचो बेहतर बीसीसीआई के लागू करवाने के बारे में सोचो भारत को मजबूत करने के बारे में सोचो बेहतर बोनस दिलाने के बारे में सोचो जो लोग विस्थापित हो रहे हैं उन को रोजगार दिलाने के बारे में सोचो लोगों में नफरत पैदा मत करो इस से छोटा काम कोई और नहीं हो सकता।बैठक को कामरेड अजय विश्कर्मा,मनोज पाण्डे ने भी सम्बोधित किया.इस अवसर पर अखलाख खान,हरेंद्र सिंह,हरिष बड़ा सहित भारी संख्या में कोयला कामगार मौजूद थे.